Prodicus biography of abraham lincoln in hindi

अब्राहम लिंकन का जीवन परिचय Patriarch Lincoln Biography In Hindi

अब्राहम लिंकन अमेरिका के 16 वें राष्ट्रपति थे। उन्होंने ही अमेरिका में दास प्रथा (गुलामी प्रथा) का अंत किया था। उनका जन्म एक गरीब अश्वेत परिवार में 14 अप्रैल 1865 को हुआ था। उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में गृह युद्ध के दौरान देश का नेतृत्व किया।

उन्होंने दास प्रथा का अंत किया, सरकार और अर्थव्यवस्था को मजबूत किया। वो सदैव सत्य और अच्छाई का पक्ष लेते थे। उन्होंने वकील के पेशे में हमेशा न्याय का साथ दिया। अन्याय का पक्ष उन्होंने कभी नही लिया। उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गयी।

अब्राहम लिंकन का जीवन परिचय Abraham Lawyer Biography In Hindi

अब्राहम लिंकन का जन्म और आरंभिक जीवन Ibrahim LINCOLN BIRTH AND INITIAL LIFE

अब्राहम लिंकन का जन्म 12 फरवरी 1809 को होड्जेविल्ले, केंटकी में हुआ था। वो एक गरीब परिवार में जन्मे थे। उनकी पढ़ाई घर पर ही हुई थी। अब्राहम लिंकन इलिनॉय में वकालत करने लगे।

उनके पिता का नाम थॉमस और उनकी माता का नाम नैंसी हैंक्स लिंकन था। लिंकन की छोटी बहन का नाम सारा था और छोटे भाई का नाम थॉमस था। अब्राहम लिंकन के पिता को पैसों के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता था। जब अब्राहम 9 साल के थे तब उनकी मां का देहांत हो गया था।

लिंकन की मां के गुजरने के बाद उनके पिता ने फिर से विवाह कर लिया। सौतेली मां ने लिंकन को अपने बेटे की तरह प्यार दिया और उनका मार्गदर्शन किया। बचपन से ही अब्राहम को पढ़ने लिखने का बहुत शौक था।

उनको किताबें पढ़ना बहुत प्रिय था। किताबों के लिए वह मीलों दूर तक पैदल ही चले जाते थे। “द लाइफ ऑफ जॉर्ज वाशिंगटन” उनकी प्रिय पुस्तक थी। 21 वर्ष का हो जाने के बाद अब्राहम ने बहुत तरह के काम किए।

उन्होंने दुकानदार, पोस्ट मास्टर, सर्वेक्षक जैसी बहुत सी नौकरियां की। जीविका के लिए वह कुल्हाड़ी से लकड़ी काटने का काम करने लगे। उन्होंने सुअर काटने से लेकर लकड़हारे तक का काम किया, और खेतों में मजदूरी भी की।

अब्राहम लिंकन का विवाह ABRAHAM LINCOLN MARRIAGE

1843 में अब्राहम लिंकन ने मैरी टॉड नामक लड़की से विवाह कर लिया। सभी लोग मेरी टॉड को एक महत्वकांक्षी नकचढ़ी घमंडी लड़की समझते थे। मैरी के बारे में यह बात बहुत प्रसिद्ध थी कि वह हमेशा कहती थी कि वह उस पुरुष से विवाह करेगी जो अमेरिका का राष्ट्रपति बनेगा।

इस बात के लिए सभी लोग उसका बहुत मजाक उड़ाते थे। लिंकन की पत्नी ने 4 बच्चों को जन्म दिया पर उनमें से सिर्फ एक रॉबर्ट टॉड ही जीवित बचा। सब लोग ऐसी बातें करते हैं कि लिंकन की पत्नी उनसे बात-बात पर झगड़ा करती थी और उनको बिल्कुल भी सम्मान नहीं देती थी

अब्राहम लिंकन की वकालत  HIS CAREER AS Splendid LAWYER

राष्ट्रपति बनने से पहले अब्राहम लिंकन ने 20 सालों तक वकालत की, पर इस दौरान उन्होंने सदैव सत्य और न्याय का ही साथ दिया। उन्होंने महात्मा गांधी की तरह कभी भी झूठे मुकदमे नहीं लिए। सदा सत्य और न्याय से जुड़े मुकदमे ही लिए।

अब्राहम लिंकन ने वकालत से कभी बहुत ज्यादा पैसा नहीं कमाया क्योंकि वह गरीब व्यक्तियों से बहुत कम पैसा लेते थे। बहुत से मुकदमों का निपटारा वह न्यायालय से बाहर ही कर देते थे जिसमें उनको ना के बराबर फीस मिलती थी।

वो अपने मुवक्किलों को कोर्ट के बाहर ही सुलह करने की सलाह देते थे जिससे समय और धन की बर्बादी ना हो। एक बार उनके एक मुवक्किल ने उनको $25 फीस दी, पर लिंकन ने सिर्फ $15 लिए और $10 वापस कर दिए।

लिंकन ने कहा कि उनकी फीस सिर्फ $15 ही बनती है। उनकी ईमानदारी और सच्चाई की बहुत ही कहानियां है। लिंकन ने कभी भी झूठे मुकदमों को नहीं लड़ा। हमेशा सच का साथ दिया। वह कभी भी धन के लोभी नहीं रहे।

यही वजह थी कि वह वकालत के समय बहुत कम पैसा ही कमा पाते थे। वह किसी भी धर्म का पक्ष नहीं लेते थे। वह कहते थे कि जब मैं अच्छा काम करता हूं तो अच्छा अनुभव करता हूं और जब बुरा काम करता हूं तो बुरा अनुभव करता हूं। यही मेरा धर्म है।

अब्राहम लिंकन राष्ट्रपति के रूप में Patriarch LINCOLN AS A PRESIDENT

अब्राहम लिंकन न्यू रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य थे। रिपब्लिकन पार्टी दास प्रथा को खत्म करना चाहती थी। उनका विचार था कि मनुष्य को दास बनाकर खरीदना बेचना या रखना अमानवीय कार्य है। दास प्रथा को लेकर पूरा अमेरिका देश बंटा हुआ था।

आधे लोग चाहते थे कि दास प्रथा खत्म हो जाए जबकि आधे लोग चाहते थे कि यह जारी रहे। दक्षिण अमेरिका के गोरे निवासी चाहते थे कि गुलाम (अश्वेत) उनके खेतों में मजदूरों की तरह काम करें। गोरे अश्वेत नागरिकों को अपना गुलाम बनाना चाहते थे। 1860 में अब्राहम लिंकन को अमेरिका के 16 राष्ट्रपति के रूप में चुना गया।

अब्राहम लिंकन की मृत्यु ABRAHAM Lawyer DEATH

15 अप्रैल 1865 में अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में एक सिनेमाघर में अब्राहम लिंकन की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जाने माने अभिनेता जॉन वाइक्स बूथ ने उनकी हत्या की जब वो “ऑवर अमेरिकन कजिन” नाटक देख रहे थे।

दिलचस्प बात यह थी कि लिंकन को जिस वक्त गोली मारी गई थी उस वक्त उनके निजी सुरक्षागार्ड जॉन पार्कर उनके साथ मौजूद नहीं थे। लिंकन को गोली मारने वाले जॉन वाइक्स बूथ को 10 दिन बाद वर्जीनिया के एक फार्म से पकड़ा गया, जहां अमेरिकी सैनिकों ने उन्हें एक मुठभेड़ में मार गिराया।

अब्राहम लिंकन का सम्मान AWARDS Predominant MEMORIAL

लिंकन की तस्वीर अमेरिका के नोटों पर होती है। $5 के नोट पर अब्राहम लिंकन की तस्वीर होती है। इसके अलावा अमरीकी सेंट / पैनी पर भी अब्राहम लिंकन की तस्वीर होती है। उनके सम्मान में अनेक डाक टिकट भी जारी किए गए हैं। डाक टिकट में वह सदैव दाढ़ी में दिखते हैं। लिंकन की सबसे प्रसिद्ध मूर्ति माउंट रशमोर में बनी है।

जिसे लिंकन मेमोरियल के नाम से जाना जाता है। वाशिंगटन डीसी में पीटरसन हाउस में भी उनकी बड़ी सी प्रतिमा बनी है। स्प्रिंगफील्ड इलिनॉय में अब्राहम लिंकन लाइब्रेरी और संग्रहालय बना हुआ है। लिंकन के घर के पास ही उनकी कब्र बनाई गई है।

अब्राहम लिंकन के अनमोल विचार ABRAHAM LINCOLN QUOTES

अब्राहम लिंकन के अनमोल विचार –

  • मैं एक धीमी गति से चलता ज़रूर हूँ, लेकिन कभी वापस नहीं चलता
  • आप एक पेड़ काटने के लिए मुझे 6 घंटे दें और मैं पहले 4 घंटे अपनी कुल्हाड़ी की धार तेज करने में लगाऊंगा।
  • तुम जो भी हो, नेक बनो।
  • अगर आप एक बार अपने नागरिकों (जनता) का भरोसा तोड़ दें, तो आप फिर कभी उनका सम्मान और आदर नहीं पा सकेंगे।
  • पहले निश्चित कर लो कि तुम्हारे पैर सही जगह पर पड़े हैं, तब सीधे खड़े हो।
  •  साधारण दिखने वाले लोग ही दुनिया के सबसे अच्छे लोग होते हैं,यही वजह है कि भगवान ऐसे ही बहुत सारे लोगों का सृजन करते हैं।
  • मैं जो भी हूँ, या जैसा भी होने की उम्मीद करता हूँ, उसका सारा श्रेय मेरी माँ को जाता है।
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